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Sunday, 28 September 2014

भारत सरकार सेना को लद्धाख मे नियुक्त करने की सोच रही है

पहले एलएसी पर आक्रामकता और अब तिब्बत में चीनी सेना द्वारा निर्माण. इंटेल रिपोर्ट के अनुसार पीएलए के अनेक अनन्य निर्माण का पता चला है . रिपोर्ट है की चीन का सबसे अच्छा लड़ाकू विमान गॉंगखा एयरबेस पर देखा गया है.

शायद भारत सरकार ने चीन से उत्पन्न होने वाले ख़तरे को भाँप लिया है . तथा उन्हे आशंका है की बहुत जल्दी ही चीन कुछ असाधारण कदम उठा सकती है इसीलिये समाचार यह है की सरकार भारत चीन सीमा पर ITBP के स्थान पर सेना को नियुक्त करने की सोच रही है .

अभी चूमार मे घटित झड़प के बाद यह सोच और प्रबल हुई है .सेना ने जिस गति से 1500 जवानो को चीनी सेना के सामने तैनात किया और दुर्गम परिस्थिति मे पीछे हटने से मना कर दिया उसको देखते हुए सरकार ITBP के स्थान पर सेना को लद्दाख सीमा का भार देने का मन बना रही है .

मेरा अपना यह विचार है की ITBP की कमान सेना को हस्तांतरित कर देना उचित होगा.   गृह मंत्रालय किसी भी ऐसे बल को संभालने मे असमर्थ है जो सीमा पर चीन जैसे दुश्मन के सामने हो. और चीन अर्द्धसैनिक बल का प्रयोग नही कर रही है हमारे सामने चीन की सेना PLA तैनात है.

असम ट्रिब्यून से बातचीत में डॉ सांगे ने बताया की चीन ने जबरदस्ती तिब्बत पर कब्जा करने के बाद और हाल के दिनों में देश को एक सैनिक छावनी मे प्रिवर्तित कर दिया है. उनके अनुसार चीन ने तिब्बत मे अपने ठिकानों का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि सैन्य कस्बों की एक संख्या अचानक से बहुत बाद गयी है . हमे याद रखना चाहिए की तिब्बत का भारत के साथ एक लंबी सीमा है.

पांच प्रमुख सैन्य हवाई अड्डों का निर्माण किया गया है कि और छठवाँ निर्माणाधीन है.कॉंगपो सैन्य हवाई क्षेत्र सिर्फ 50 किलोमीटर की दूरी पर है अरुणाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय सीमा से.

चीन ने ल्हासा तक निर्मित रेलवे लाइन द्वारा अपने ZBD-03 बख्तरबंद गाड़ियों को लाने का भी अभ्यास किया है जो की बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा किसी भी युद्ध मे  .

इसके अलावा , लगातार दूसरे वर्ष के लिए , पीएलए सेना और प्लाफ ने पिछले साल 5,000 से अधिक मीटर की ऊंचाई पर क़िंघई- तिब्बत पठार पर , ब्रिगेड स्तर के युद्ध अभ्यास का आयोजन किया था

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