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Saturday, 14 May 2011

अमेरिका के हमले की निंदा पाकिस्तानी संसद ने की , दी प्रतिबंध की धमकी

लेखक सुदीप मुखर्जी

हिन्दी मे कहे तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे इस मुहावरे को चरितार्थ कर दिया पाकिस्तान की संसद ने।
संसद के संयुक्त सत्र मे एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमे अमेरिका की कारवाई की निंदा की गयी , अमेरिका के साथ किए गए सभी समझौतों की समीक्षा करने की मांग थी, एक स्वतंत्र जांच की मांग भी रखी गयी और पाकिस्तान के सीमांत प्रदेशों मे drone हमले तुरंत रोकने की मांग भी शामिल थी।


संसद ने शनिवार को अपने बैठक मे यह धमकी दी की अगर अमरीका ने पाकिस्तान की बात नहीं मानी तो उसको दी जाने वाली सैनिक सहायता जिसमे अफगानिस्तान मे मौजूद अमरीकी फौज के लिए रसद गोला बारूद इत्यादि शामिल है उसे तुरंत रोक दिया जाए ।


सार्वजनिक रूप से, दोनों देशों के तरफ नेता किसी भी प्रकार के दरार होने से इंकार करते है।
लेकिन सर्वसम्मति से पारित हुआ संकल्प स्पष्ट कर देता है कि पाकिस्तानी सांसदों में एक बड़ता असंतोष है।


"आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान के प्रयासों और विशाल बलिदान की प्रशंसा के बिना, अन्य देशों में कुछ लोगो द्वारा शुरू किये गए बदनामी के अभियान से पाकिस्तानी सरकार बहुत दुखी एवं चिंतित है " संकल्प मे कहा गया।


यह भी कहा कि 30,000 से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक और 5000 से अधिक सैन्य कर्मि या को आतंक के खिलाफ लड़ाई में मारे गए है या फिर अफगानिस्तान में नाटो बलों की कार्रवाई से उत्पन्न संकट मे।


सोने पे सुहागा तब और हो गया जब शुक्रवार को एक संदिग्ध अमेरिकी ड्रोन हमले मे उत्तरी वजीरिस्तान के दत्ता खेल क्षेत्र में चार संदिग्ध इस्लामी उग्रवादियों मारे गए । पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के अनुसार एक मानव रहित विमान ने सीमा क्षेत्र पर एक उग्रवादीयों के वाहन पर चार मिसाइल दागे.


उधर बिन लादेन के परिसर का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है उसका जाहिर तौर पर पाकिस्तान में एक समर्थन नेटवर्क था और उसे एक स्थान में पिछले कई वर्षों तक रहने की अनुमति पाकिस्तान ने ही दी थी . उसके पास कोई भागने की योजना नहीं थी और नाही दुश्मन के हमले की स्थिति में दस्तावेजों को नष्ट करने का कोई तरीका जिसका साफ साफ अर्थ है की उसे पाकिस्तान का संगरक्षन प्रपट था।


अमेरिका मे एक परंपरावादी कानूनी निगरानी समूह ने हमले के वीडियो और उसके बाद की तस्वीरों के सार्वजनिक रिहाई की मांग करते हुये मुकदमा दर्ज किया है।


अगर किसी को कोई भी संदेह था की पाकिस्तान ही आतंकियों का गड़ है तो उसका संदेह अब दूर हो चुका होगा क्यूंकी ओसामा के मरने पर सर्वाधिक शोक और क्रोध पाकिस्तान मे है। किसी भी और मुस्लिम राज्य ने ओसामा के मरने पर कोई खास प्रतिकृया नहीं करी तो फिर पाकिस्तान को इतना रोष क्यूँ । बात साफ है ओसामा केवल एक आतंकी नहीं बल्कि पाकिस्तान का राष्ट्रीय परिसंपत्ति था जिसका प्रयोग आई.एस.आई अफ़ग़ानिस्तान और भारत मे करता था। पाकिस्तान की योजना थी की एक बार अमरीका अफ़ग़ानिस्तान से चला जाए तो उसके बाद ओसामा की मदद से कश्मीर पर धावा बोला जाएगा।


हमे यह भी याद रखना चाहिए की अल-कायेदा के अगले सरदारों मे इलियास कश्मीरी का नाम भी शामिल है यह बंदा वही है जिसने परवेज़ मुशर्रफ को भारतीय सैनिक का कटा हुया सर भेंट मे दिया था ।
वह हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के 313 ब्रिगेड का सेनापति है जिसका काम भारतवर्ष मे आतंकी हमले करना और ज्यादा से ज्यादा भारतीय सैनिकों को मारना है । ओसामा के मरने से हम खुश तो बहुत है किन्तु अगर इलियास कश्मीरी अल-कायेदा का नेता बंता है तो आने वाले कुछ वर्षों मे भारत के लिए परेशानियाँ और बड़ेगी कमेंगी नहीं।